उनके पास कई उपलब्धियां रहीं. जैसे- बेंगलुरू में एक ऐसी लैब की स्थापना की जिसका काम हवा की गति और सोलर एनर्जी को मापना था. उनकी उपलब्धियों और मौसम अनुमान के क्षेत्र में जज्बे को देखते हुए 1969 में भारतीय मौसम विभाग का उप महानिदेशक नियुक्त किया गया. इतना ही नहीं, उन्होंने उस दौर में ओजोन परत पर रिसर्च की थी.